Pramod kumar Sharma
Delhi
यह स्पेशल तीर्थ यात्रा09 मई, 16 मई, 24 मई, 28 मई, 06 जून, 10 जून, 17 जून, 23 जून, 29 अगस्त, 10 सितंबरहरिद्वार से प्रारम्भ होगी ।
हरिद्वार शुभ आगमन व गंगा स्नान, पावन धाम, वैष्णोदेवी, भारत माता मंदिर दर्शन (रात्रि विश्राम महाजन भवन, दूधाधारी चौक, माहेश्वरी सदन के पीछे गली में, हरिद्वार)।
हरिद्वार से प्रातः 6 बजे यमुनोत्री हेतु प्रस्थान (रात्रि विश्राम स्यानाचट्टी)
प्रातः जानकीचट्टी तक बस द्वारा व जानकीचट्टी से यमुनोत्री तक 7 किलोमीटर पैदल यात्रा, यमुनोत्री स्नान एवं दर्शन (ब्रेकफास्ट व लंच पैकिंग में)(रात्रि विश्राम स्यानाचट्टी)
दोपहर भोजन के पश्चात उत्तरकाशी के लिए रवाना (रात्रि विश्राम – उत्तरकाशी)
प्रातः उत्तरकाशी से बस द्वारा गंगोत्री रवाना, गंगा स्नान, काशी विश्वनाथ दर्शन व वापसी रात्रि विश्राम उत्तरकाशी(ब्रेकफास्ट व लंच रास्ते में)
चाय नाश्ता के पश्चात उत्तरकाशी से केदारनाथ हेतु रवाना (रात्रि विश्राम रामपुर)
प्रातः सीतापुर/सोनप्रयाग तक बस द्वारा, सोनप्रयाग से गौरीकुंड जीप द्वारा स्वयं, गौरीकुंड से केदारनाथ के लिए परिस्थिती अनुकूल पैदल, घोड़ा व पालकी यात्रा स्वयं, रात्रि विश्राम कैंप(टेंट में)(लंच पैकिंग में, रात्रि भोजन केदारनाथ में)
प्रातः केदारनाथ ज्योतिर्लिंग दर्शन नाश्तोप्रांत वापसी (दोपहर भोजन सुविधानुसार)
चाय नाश्ता के पश्चात बद्रीनाथ रवाना (लंच सुविधानुसार, रात्रि विश्राम – बद्रीनाथ)
प्रातः गर्म कुंड स्नान व बद्रीनाथ भगवान के दर्शन, पिंडदान एवं दोपहर भोजन के पश्चात रवाना(रात्रि विश्राम पीपलकोटी)
प्रातः 6:00 बजे चाय- नाश्ता के पश्चात पीपलकोटी से हरिद्वार रवाना (ऋषिकेश दर्शन करते हुए रात्रि विश्राम हरिद्वार में)
दोपहर भोजन के बाद मधुर स्मृतियों के साथ यात्रा संपूर्ण।
भोजन,चाय, नाश्ता,गेस्ट हाउस, 2*2 बस के किराये सहत 23,500/- प्रति सवारी होगा| अग्रिम बुकिंग हेतु 1,001/- रुपया प्रति यात्री नकद अथवा किसी भी बैंक का ड्राफ्ट “श्री शिव शंकर तीर्थ यात्रा (रजि0)” का बनवाकर ऋषिकेश ऑफिस पर भिजवा दें|ड्राफ्ट या नकद रुपया प्राप्त होते ही रसीद भेज दी जाएगी|बकाया किराया हरिद्वार पहुँचने पर (यात्रा प्रारम्भ से पूर्व) लिया जाएगा|
यात्रिओं के लिए यात्रा काल में सुबह की बेड टी, चाय नाश्ता व दोपहर एवं रात्रि भोजन के भोजन में एक दाल, एक सब्जी, चावल, रोटी का प्रबंध होगा | शाम को चाय दी जाएगी | रोटी, दाल एवं चावल में देशी घी का प्रयोग होगा एवं नाश्ता, सब्जी एवं पूरी में उत्तम रिफायंड तेल का प्रयोग होगा | चावल बासमती दोनों समय बनाया जायेगा| प्याज व लहसुन का प्रयोग पूर्णत: वर्जित होगा | यात्रा के दौरान तवा चपाती बनायीं जाएगी व समय की उपलब्धता के अनुसार पूरी, परांठें व खिचड़ी भी बनायीं जायेगीं तथा पैदल यात्रा (यमुनोत्री, केदारनाथ) में लंच पेकेट दिया जायेगा|
कृपया प्रत्येक यात्राी 1 गिलास, 1 चम्मच, गरम शाल, चादर (बैडशीट), गरम कपड़े, बरसाती, टार्च, मोमबत्ती, कपड़े सुखाने की रस्सी, पानी की बोतल, ताला-चाबी, नियमित दवाईयां (जो रोजाना आप लेते हैं) आदि सामान अवश्य अपने साथ लावें। भोजन हेतु बर्तनों की व्यवस्था संस्था करेगी। यात्राी अपने साथ पहचान पत्रा अवश्य लाये।
रात्रि विश्राम के लिए गेस्ट हाउस/होटल का प्रबन्ध समस्त यात्रियों के लिए सामूहिक रूप से अधिकतम चार बैड के अटैच लैट/बाथरूम कमरों में किया जाएगा व प्रत्येक यात्राी के लिए सिंगल पलंग व बिस्तर का प्रबन्ध संस्था द्वारा किया जायेगा। पर्वतीय क्षेत्रा में सीमित व्यवस्थाओं के कारण प्रथम, द्वितीय व तृतीय मंजिल पर ठहराने की व्यवस्था हो सकती है। आपका सहयोग अपेक्षित है।
यात्री अपनी बुकिंग सम संख्या के अनुसार जैसे 2,4,6 के हिसाब से करवाने का प्रयास करें, ताकि 2*2 बसों में बैठने एवं कमरों में ठहरने में कोई असुविधा ना हो|
हमारी संस्था अन्य संस्थाओं की तरह यात्रियों को धर्मशाला में बड़ा हाॅल बुक कर जमीन पर बिस्तर नहीं लगाती है।
यात्रियों को निम्नलिखित नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
यह यात्रा पर्वतीय क्षेत्र की है| अत: यात्रा के दौरान परिस्तिथियों की वजह से से कार्यक्रम के समय व मार्ग में परिवर्तन आ सकता है| संस्था के कार्यकर्ता यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधा देगें फिर भी पर्वतीयक्षेत्र होने की वजह से असुविधा होना स्वभाविक है अत: उस समय तपस्या की भावना से उसे सहन करें व मेनेजर को पूर्ण सहयोग प्रदान करें||
संक्रामक रोगी, अनुचित व्यवहार करने वाले व अस्वस्थ यात्री को यात्रा से पृथक करने का पूर्ण अधिकार मैनेजर के पास रहेगा व समस्त विवादों का न्यायक्षेत्र ऋषिकेश रहेगा|
यात्रा के दौरान यात्रियों की देखभाल व घुमाने के वास्ते संस्था के कार्यकर्ता साथ रहेगें फिर भी आर्थिक, शारीरिक क्षति व प्राकृतिक आपदा के लिए यात्री स्वयं जिम्मेदार होंगें|
यमुनोत्री में एक तरफ से 7 किलोमीटर पैदल की यात्रा है एवं केदारनाथ में 17 किलोमीटर की पैदल यात्रा रहेगी| यात्री अपने स्वयं के खर्च पर हेलिकोप्टर, पालकी, घोड़े, खच्चर की व्यवस्था कर सकते है|
पूर्व में आई आपदा के कारण केदारनाथ में उपलब्ध साधनों के आधार पर ही व्यवस्था (ठहरने व भोजन की) हो पायेगी| उत्तराखण्ड सरकार द्वारा की गयी व्यवस्था व बनाये गए नियमों के तहत ही यह यात्रा करवायी जाएगी| आपसे प्रार्थना है कि अपना आशीर्वाद और सहयोग प्रदान कर अपनी यात्रा को सुखद और सफल बनाये|
यदि कोई यात्री किसी भी कारणवश या अस्वस्थ होने की वजह से यात्रा अधूरी छोड़ेगा तो उसको यात्रा का जमा किराया वापस नहीं लौटाया जायेगा|
बस में सबसे पीछे की (5 सीटर) सीट नॉन पुश बैक होती है| उसमें यात्री सहयोग बनाएं | सीट व्यवस्था लॉटरी सिस्टम से रहेगी|
यात्रा विवरण
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Embarking on the Uttarakhand Chardham Yatra with Shivshankar Tirth Yatra was a transformative experience. The tour package for 2023 was well-organized, ensuring a smooth pilgrimage to the sacred Char Dhams. From the majestic temples of Yamunotri and Gangotri to the spiritual aura of Kedarnath and Badrinath, it was a divine journey of a lifetime.
Shivshankar Tirth Yatra's Char Dham Yatra Tour Package 2023 was an incredible voyage of spirituality. The pilgrimage to Uttarakhand's sacred sites of Yamunotri, Gangotri, Kedarnath, and Badrinath left me in awe. The meticulously planned itinerary, comfortable accommodations, and knowledgeable guides made this Chardham Yatra truly unforgettable.
I had the privilege of embarking on the Char Dham Yatra Tour Package 2023 with Shivshankar Tirth Yatra. The journey to the holy shrines of Yamunotri, Gangotri, Kedarnath, and Badrinath was a soul-stirring experience. With expert guidance and seamless logistics, Shivshankar Tirth Yatra made this pilgrimage a cherished memory.
We conduct pilgrimage in an organized manner in which the pilgrims are provided good quality food, Satsang programmes, medical facilities.